काश! एक और जिंदगी मिले, कही अचानक राहों में जिंदगी मिले,।। काश! एक और जिंदगी मिले, कही अचानक राहों में जिंदगी मिले,।।
इन्सानियत से अपना, अब सरोकार ना रहा...! इन्सानियत से अपना, अब सरोकार ना रहा...!
गुरु का कार्य भी सफल हो जाए, यदि सही शिष्य मिल जाए। गुरु का कार्य भी सफल हो जाए, यदि सही शिष्य मिल जाए।
बिस्तर पर भी मन ही मन उन्हें धन्यवाद किया, और पौधे लगाने का फिर निश्चय किया। बिस्तर पर भी मन ही मन उन्हें धन्यवाद किया, और पौधे लगाने का फिर निश्चय किया।
अम्मा के आंचल से दूर करूँ दुःख सारे बच्चों क्या क्या सीखूँ तुमसे। अम्मा के आंचल से दूर करूँ दुःख सारे बच्चों क्या क्या सीखूँ तुमसे।
उस पीढ़ी की ज्वाला बढ़ानी है, आज फिर एक कविता पिरोनी है। उस पीढ़ी की ज्वाला बढ़ानी है, आज फिर एक कविता पिरोनी है।